Sri Govardhanadhara Ashtakam In Sanskrit

॥ Sri Govardhanadhara Ashtakam Sanskrit Lyrics ॥

॥ गोवर्धनधराष्टकम् ॥

गोपनारी मुखांभोजभास्करं वेणुवाद्यकम् ।
राधिकारसभोक्तारं गोवर्धनधरं भजे ॥ १ ॥

आभीरनगरीप्राणप्रियं सत्यपराक्रमम् ।
स्वभृत्यभयभेत्तारं गोवर्धनधरं भजे ॥ २ ॥

व्रजस्त्री विप्रयोगाग्नि निवारकमहर्निशम् ।
महामरकतश्यामं गोवर्धनधरं भजे ॥ ३ ॥

नवकञ्जनिभाक्षं च गोपीजनमनोहरम् ।
वनमालाधरं शश्वद्गोवर्धनधरं भजे ॥ ४ ॥

भक्तवाञ्छाकल्पवृक्षं नवनीतपयोमुखम् ।
यशोदामातृसानन्दं गोवर्धनधरं भजे ॥ ५ ॥

अनन्यकृतहृद्भावपूरकं पीतवासनम् ।
रासमण्डलमध्यस्थं गोवर्धनधरं भजे ॥ ६ ॥

ध्वजवज्रादिसच्चिह्न राजच्चरणपङ्कजम् ।
शृङ्गाररसमर्मज्ञं गोवर्धनधरं भजे ॥ ७ ॥

पुरुहूतमहावृष्टीर्नाशकं गोगणावृतम् ।
भक्तनेत्रचकोरेन्दुं गोवर्धनधरं भजे ॥ ८ ॥

गोवर्धनधराष्टकमिदं यः प्रपठेत्सुधीः ।
सर्वदाऽनन्यभावेन स कृष्णो रतिमाप्नुयात् ॥ ९ ॥

रचितं भक्तिलाभाय धारकानां सनातनम् ।
मुक्तिदं सर्वजन्तूनां गोवर्धनधराष्टकम् ॥ १० ॥

इति श्रीगोकुलचन्द्रकृतं गोवर्धनधराष्टकम् ।

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See Also  Sri Vallabha Ashtakam 3 In Tamil