Champakapuri Srinivasa Ashtakam In Sanskrit

॥ Champakapuri Srinivasa Ashtakam Sanskrit Lyrics ॥

शौभ्र-राज राज-राज कञ्जयोनि-वन्दितं
नित्य-भक्त-पूजितं सुधन्व-पूजकाञ्चितम् ।
कञ्ज-चक्र-कौस्तुभासि-राजितं गदाधरं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ १ ॥

पन्नगारि-यायिनं सुपन्नगेश-शायिनं
पङ्कजारि-पङ्कजेष्ट-लोचनं चतुर्भुजम् ।
पङ्कजात-शोषकं विपङ्कजात-पोषकं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ २ ॥

सर्वलोक-नायकं सुवाञ्छितार्थ-दायकं
शर्वचाप-भञ्जकं सगर्व-रावणान्तकम् ।
पीत-चेल-धारकं कुचेल-रिक्त-दायकं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ ३ ॥

नारदादि-वन्दितं नॄनार-शैल-भञ्जितं
नार-सद्म-वास-जात-नार-पूर्वकायनम् ।
नार-तल्लजालयं कुनारकान्तकालयं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ ४ ॥

काल-मेघ-वर्णकं प्रकाम-मुक्ति-दायकं
काल-काल-कारकं कुकाल-पाश-दूरकम् ।
रत्न-वर्म-राज-वर्ष्म-भानु-वृन्द-भास्करं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ ५ ॥

दक्ष-शिक्षक-च्छिदं कुहाटकाक्ष-सम्भिदं
यक्ष-गीत-सेवितं सुरक्षणैक-दीक्षितम् ।
अक्ष-जात-मारकं कटाक्ष-दृष्टि-तारकं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ ६ ॥

स्वर्ण-सूत्र-गुम्फितोरु-सालिकाश्म-मालिकं
रत्न-रत्न-रञ्जितं गदाञ्चितं कृपाकरम् ।
प्रज्वलत्किरीटिनं प्रविस्फुरत्-त्रिपुण्ड्रकं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ ७ ॥

वक्त्र-कान्ति-वञ्चितोरु-शारदेन्दुमण्डलं
कुन्द-दन्त-मिन्दिरेशमक्षरं निरामयम् ।
मन्दहास-शुभ्रिताश-किङ्किणी-लसत्-कटं
चम्पकापुरी-निवास-मानिवासमाश्रये ॥ ८ ॥

श्रीनिवासमष्टकम् भवाब्धि-शोक-शोषकं
सर्वपाप-नाशकं सुपुत्र-पौत्र-दायकम् ।
ये पठन्ति भक्तितः प्रयान्ति ते तु सर्वदा
चम्पकापुरी-निवास-मानिवास-सन्निधिम् ॥

इति श्री कम्भम्-चोक्कण्ण-विरचितं
चम्पकापुरी-श्रीनिवासाष्टकम् सम्पूर्णम् ।

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