Sri Samba Sada Shiva Bhujanga Prayata Stotram In Sanskrit

॥ Sri Samba Sada Shiva Bhujanga Prayata Stotram in Sanskrit ॥

॥ श्री साम्बसदाशिव भुजङ्ग प्रयात स्तोत्रम् ॥
कदा वा विरक्तिः कदा वा सुभक्तिः
कदा वा महायोगि संसेव्य मुक्तिः ।
हृदाकाशमध्ये सदा संवसन्तं
सदानन्दरूपं शिवं साम्बमीडे ॥ १ ॥

सुधीराजहंसैस्सुपुण्यावतंसैः
सुरश्री समेतैस्सदाचारपूतैः ।
अदोषैस्सुरुद्राक्ष भूषाविशेषै-
रदीनैर्विभूत्यङ्गरागोज्ज्वलाङ्गैः ॥ २ ॥

शिवध्यानसंसक्त शुद्धान्तरङ्गैः
महाशैवपञ्चाक्षरी मन्त्रसिद्धैः ।
तमो मोचकै रेचकैः पूरकाद्यैः
समुद्दीपिताधार मुख्याब्जषट्कैः ॥ ३ ॥

हठल्लम्बिका राजयोग प्रभावा-
ल्लुठत्कुण्डली व्यक्त मुक्तावकाशाम् ।
सहस्रारपद्मस्थितां पारवारां
सुधामाधुरीं साधुरीत्या पिबद्भिः ॥ ४ ॥

सदानन्द कन्दैर्महायोगिबृन्दैः
सदासेव्यमानं समुज्जृम्भमाणम् ।
महापुण्यपाके पुनःपुण्डरीके
सदा संवसन्तं चिदानन्दरूपम् ॥ ५ ॥

तटित्पुञ्ज चञ्चज्जटाजूट वाटी
नटज्जह्नुकन्या तटिन्या समेतम् ।
महानर्घ माणिक्य कोटीरहीर
प्रभापूरितार्धेन्दुरेखावतंसम् ॥ ६ ॥

फणाभृन्मणी कुण्डलालोलकर्ण
द्वयी चारुता दर्पणाद्गण्डभागम् ।
सुनेत्रालिकं सादर भ्रूविलासं
समन्दस्मिताऽऽस्यारविन्दं श्रयन्तम् ॥ ७ ॥

लसत्पीवराऽंसद्वयं नीलकण्ठं
महोरस्स्थलं सूक्ष्म मध्यप्रदेशम् ।
वलिद्योतमानोदरं दिव्यनाभिं
कुठारैण शाबाऽञ्चिताभ्यां कराभ्याम् ॥ ८ ॥

मुखाब्जैस्स्तुवन्तं कराब्जैर्नमन्तं
विधिं मानयन्तं मुनीन्लालयन्तम् ।
गणान्पोषयन्तं मृदूक्तीर्वदन्तं
गुहं चैकदन्तं करेण स्पृशन्तम् ॥ ९ ॥

महादेवमन्तर्भजेऽहं भजेऽहं
सदा पार्वतीशं भजेऽहं भजेऽहम् ।
सदानन्दरूपं भजेऽहं भजेऽहं
चिदानन्दरूपं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ १० ॥

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भुजङ्गप्रयातस्तवं साम्बमूर्ते-
रिमं ध्यानगम्यं तदेकाग्रचित्तः
पठेद्यस्सुभक्तस्समर्थः कृतार्थः
सदा तस्य साक्षात्प्रसन्नश्शिवस्स्यात् ॥ ११ ॥

इति श्री शङ्करभगवत्पाद विरचितं श्री साम्बसदाशिवभुजङ्गप्रयात स्तोत्रम् ॥

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